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08:05 Oct 26, 2023
'g6pd deficiency ka ilaj, g6pd deficiency food to avoid, g6pd food to avoid, g6pd deficiency in hindi, g6pd deficiency, g6pd kya hota hai, g6pd kya hai, glucose 6 phosphate dehydrogenase deficiency,  g6pd यानि, glucose 6 phosphate dehydrogenase... यह एक प्रकार का एंजाइम या प्रोटीन होता है जो हमारी बॉडी की आरबीसी जिसे हम लाल रक्त कणिकाएं कहते हैं उसमें पाया जाता है.... इसका प्रमुख कार्य हमारी लाल रक्त कणिकाओं को सुरक्षा देना होता है ... लेकिन यदि किसी कारणवश इस G6PD की कमी हमें हो जाए तो लाल रक्त कणिकाएं जिसे हम आरबीसी कहते हैं तेजी से टूटने लगती है, जिसकी वजह से शरीर में रक्त की कमी हो जाती है और एनीमिया की कंडीशन पैदा हो जाती है जिसे हम हिमोलाइटिक एनीमिया (hemolytic anemia) कहते हैं . . . और इसकी वजह से थकान होना, कमजोरी होना, सांस फूलना, पेशाब का रंग अत्यधिक डार्क हो जाना ,पीलिया का हो जाना इत्यादि हो सकता है...  g6pd deficiency सामान्यतया एक अनुवांशिक रोग है जो सर्वाधिक रुप से पुरुषों में पाया जाता है महिलाएं इसकी केवल वाहक हो सकती है अर्थात महिलाओं में G6PD deficiency की वजह से कोई लक्षण नहीं आते हैं, किंतु उनके गर्भ के द्वारा यह रोग अनुवांशिक रूप से उनके बच्चों  को मिल सकता है . . .  लक्षण - - वैसे तो अधिकतर G6PD एंजाइम की कमी की वजह से कोई खास लक्षण नहीं आते हैं, और इस समस्या से ग्रसित मरीज एक सामान्यतया जीवन जी सकता है । किंतु G6PD एंजाइम्स की कमी की वजह से जब कभी लाल रक्त कणिकाएं अर्थात RBc जरूरत से ज्यादा ही टूट जाती है तो , हिमॉलिटिक एनीमिया की वजह से इस प्रकार के लक्षण दिखाई दे सकते हैं.... जैसे सांसों का फूलना बहुत, जल्दी जल्दी थकान होना, दिल की धड़कनों का बढ़ जाना, सांस की तकलीफ होना मतलब सांस फूलना, या पीलिया जैसे लक्षण हो सकते हैं,... rbcs या रक्त कणिकाओं के तेजी से टूटने की वजह से स्प्लीन का साइज  बड़ा हो सकता है .... बच्चों में जन्म के बाद पीलिया काफी लंबे समय तक रह सकता है ।   अब हम ऐसी कुछ परिस्थितियों के बारे में बात करेंगे जो g6pd deficiency की समस्या को गंभीर बना सकते हैं जैसे : : ... 1 -किसी प्रकार का बैक्टीरियल और वायरल इनफेक्शन इस समस्या को गंभीर ही बना सकता है ।  2 -इसी प्रकार से कुछ पेन किलर दवाइयां या बुखार को कम करने वाली दवाइयां विशेषकर मलेरिया में इस्तेमाल होने वाली एंटीमलेरियल ड्रग्स, हिमोलायटिक एनीमिया (hemolytic anemia) को बहुत गंभीर कर सकते हैं ..  3 - यदि g6pd deficiency से ग्रसित बच्चे नेप्थलीन की गोलियों को गल्ती से निगल लें तो यह उनके लाइफ के लिए बहुत ही खतरनाक हो सकता है ..  4- फावा बींस जिसे हम बाकुला भी कहते हैं यह खाना भी  G6PD deficiency से ग्रसित लोगों के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है .. इसलिए ऐसे लोग जिन्हें g6pd deficiency हो उन्हें बाकुला की सब्जी या फावा बींस नहीं खानी चाहिए ..  डायग्नोसिस - g6pd की कमी रक्त में है या नहीं है- यह हम मरीज को देखकर तब तक पता नहीं कर सकते हैं जब तक की ऐसे कोई लक्षण न दिखाई दें ...        g6pd की कमी का पता मरीज के खून की जांच को करके आसानी से किया जा सकता है .. क्योंकि G6PD deficiency के ऐसे कोई खास लक्षण नहीं दिखाई देते हैं \'            इसलिए चिकित्सकों का यह मानना है कि G6PD की जांच हर व्यक्ति को \' विशेषकर गर्भस्थ महिला \' को तो करानी ही चाहिए ताकि समय रहते इस बीमारी के प्रति सभी लोग सतर्क रह सकें और बीमारी को मैनेज कर सके ...  इलाज - -जैसा कि पहले भी बताया है की g6pd deficiency बहुत गंभीर रोग नहीं है और इसके कोई खास लक्षण नहीं आते हैं जब तक की कोई बाहरी कारक, या कोई इंफेक्शन या कोई बीमारी इस योग को ज्यादा गंभीर न कर दे अतः G6PD deficiency के रोगियों को किसी भी प्रकार के इंफेक्शन, संक्रमण और बीमारियों विशेषकर मलेरिया जैसी बीमारी से बचना चाहिए, और बिना किसी चिकित्सक को पूछे किसी भी प्रकार की दवाइयां जैसा कि पहले भी कहा है, जिसमें एंटीमलेरियल ड्रग्स, एंटीबायोटिक्स या कुछ खास दवाइयां आती हैं, नहीं लेनी होती है . . . और जब भी आपको किसी डॉक्टर को दिखाने की जरूरत पड़े तो अपने चिकित्सक को इस G6PD deficiency के बारे में जरूर बताएं ताकि चिकित्सक आपको दवाइयां देने में अत्यधिक सतर्कता बरत सकें ... और बच्चों के मामले में इन बातों का खास ध्यान दें  g6pd deficiency का होम्योपैथी में इलाज - देखिए दोस्तों क्योंकि g6pd deficiency एक जेनेटिक डिजीज है और मैं हमेशा अपने हर वीडियो में यही कहता आया हूं की होम्योपैथी में किसी भी रोग का इलाज जेनेटिक रूप से ही होता है तो साफ है कि यहां भी g6pd deficiency की समस्या का इलाज होम्योपैथी से बहुत अच्छे से हो सकता है ... अब मैं यहां पर किसी पर्टिकुलर होम्योपैथिक दवाई का नाम नहीं लेने वाला हूं जो कि इस समस्या को जड़ से ठीक कर सके क्योंकि दोस्तों होम्योपैथी में ऐसी कोई विशेष दवाई नहीं होती है . . जब हम किसी रोगी का इलाज करते हैं तो उसके लिए आपके होम्योपैथिक चिकित्सक को आपके स्वभाव का, आपकी बिमारी का, आपकी आदतों का स्पष्ट रूप से पता होना चाहिए जिसके आधार पर ही वह जिस होम्योपैथिक मेडिसिन को सेलेक्ट करता है वही होम्योपैथिक मेडिसिन आपके इस योग को जड़ से ठीक कर सकती है, वह होम्योपैथी दवाइयों में से कोई भी एक मेडिसन हो सकती है। इसलिए दोस्तों मेरी आपको सलाह है कि यदि आपको बच्चों को या आपको इस प्रकार का कोई भी रोग हो तो इसे आपको अपने पास के किसी अच्छे होम्योपैथिक चिकित्सक को दिखाना चाहिए ताकि आप इस बिमारी से जड़ से निजात पा सके।  other related words-  g6pd test, homeopathy medicine, homeopathic treatment, homeopathy ilaj, homeopathic medicine, homeopathic upchar' 

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